शुक्र ग्रह को इंसान की जिंदगी में रूप-रंग और स्नेह आदि कारकों के लिए जिम्मेदार माना जाता है
शुक्र ग्रह का प्रभाव (Effects of venus in Lal Kitab Kundali)
मान्यता है कि अगर कुंडली (Lal Kitab Kundali) में शुक्र अशुभ स्थिति में हो तो शारीरिक कठिनाइयों के साथ रिश्तों में भी खटास आती है। लाल किताब के अनुसार विवाह और वैवाहिक सुख के लिए शुक्र सबसे अधिक जिम्मेदार होता है इसलिए इसके अशुभ होने पर जातक को इसका उपाय करना चाहिए।
शुक्र के लाल किताब उपाय और टोटके (Lal Kitab Remedies or Totke for Venus)
लाल किताब कुंडली में अगर शुक्र नीच स्थान पर है और यदि शुक्र ग्रह के कारण आपके जीवन में कुछ उथल-पुथल हो रही है तो आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
* लाल किताब कुंडली में अगर शुक्र प्रथम भाव में उचित फल देने वाला ना हो तो 25 वर्ष की उम्र में विवाह संस्कार नहीं करना चाहिए। साथ ही काले रंग की गाय की सेवा और दही से स्नान करने की सलाह दी जाती है।
* दूसरे भाव में शुक्र ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए मंगल से संबंधित वस्तुओं जैसे शहद, सौंफ और खाण्ड आदि का दान बहुत लाभदायक माना जाता है।
* लाल किताब के अनुसार तृतीय भाव में शुक्र ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जीवन-संगिनी का सम्मान करना उचित माना जाता है।
* यदि चौथे भाव में बैठे शुक्र के कारण आपको परेशानी हो रही है तो अपनी पत्नी का नाम बदलकर और औपचारिक रूप से पुनर्विवाह करने पर पीड़ा शांत होती है। मान्यता है कि माता को खीर का भोग लगाने से भी शुक्र की पीड़ा से शांति मिलती है।
* पंचम भाव में शुक्र की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ शादी नहीं करनी चाहिए। गाय व माता की सेवा करने पर शुभ सूचना प्राप्त होती हैं।
* छठे भाव में शुक्र ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक सुनिश्चित कर लें कि पत्नी के बालों में सोने की क्लिप है। अपने पति या पत्नी को नंगे पाँव ना रहने दें, ऐसा होने पर हानि हो सकती है।
* लाल किताब के अनुसार सातवें भाव में अगर शुक्र ग्रह से हानि हो रही हो तो सफ़ेद गाय नहीं पालनी चाहिए। काली या लाल गाय की सेवा करना या पालना शुभ माना जाता है।
* आठवें भाव में शुक्र ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए दान स्वीकार करने से बचने की सलाह दी जाती है। तांबे का सिक्का या नीले फूल को लगातार दस दिन तक नाले में फेंकना शुभ माना जाता है।
* नौवें भाव में शुक्र ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए या दुष्प्रभावों से बचने के लिए भवन निर्माण के समय शहद और चाँदी दफनाना शुभ बताया गया है।
* दसवें भाव में शुक्र ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए घर में पश्चिम दिशा की तरफ मिट्टी की दीवार का होना शुभ होता है।
* अगर लाल किताब कुंडली में शुक्र के 11वें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो, बुध के उपाय भी अपना सकते हैं।
* लाल किताब ज्योतिषी और जानकार बारहवें भाव में बैठे शुक्र ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सूर्यास्त के समय नीले रंग के फूल को जमीन में दबा देना शुभ माना जाता है।
शुक्र ग्रह का प्रभाव (Effects of venus in Lal Kitab Kundali)
मान्यता है कि अगर कुंडली (Lal Kitab Kundali) में शुक्र अशुभ स्थिति में हो तो शारीरिक कठिनाइयों के साथ रिश्तों में भी खटास आती है। लाल किताब के अनुसार विवाह और वैवाहिक सुख के लिए शुक्र सबसे अधिक जिम्मेदार होता है इसलिए इसके अशुभ होने पर जातक को इसका उपाय करना चाहिए।
शुक्र के लाल किताब उपाय और टोटके (Lal Kitab Remedies or Totke for Venus)
लाल किताब कुंडली में अगर शुक्र नीच स्थान पर है और यदि शुक्र ग्रह के कारण आपके जीवन में कुछ उथल-पुथल हो रही है तो आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
* लाल किताब कुंडली में अगर शुक्र प्रथम भाव में उचित फल देने वाला ना हो तो 25 वर्ष की उम्र में विवाह संस्कार नहीं करना चाहिए। साथ ही काले रंग की गाय की सेवा और दही से स्नान करने की सलाह दी जाती है।
* दूसरे भाव में शुक्र ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए मंगल से संबंधित वस्तुओं जैसे शहद, सौंफ और खाण्ड आदि का दान बहुत लाभदायक माना जाता है।
* लाल किताब के अनुसार तृतीय भाव में शुक्र ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जीवन-संगिनी का सम्मान करना उचित माना जाता है।
* यदि चौथे भाव में बैठे शुक्र के कारण आपको परेशानी हो रही है तो अपनी पत्नी का नाम बदलकर और औपचारिक रूप से पुनर्विवाह करने पर पीड़ा शांत होती है। मान्यता है कि माता को खीर का भोग लगाने से भी शुक्र की पीड़ा से शांति मिलती है।
* पंचम भाव में शुक्र की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ शादी नहीं करनी चाहिए। गाय व माता की सेवा करने पर शुभ सूचना प्राप्त होती हैं।
* छठे भाव में शुक्र ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक सुनिश्चित कर लें कि पत्नी के बालों में सोने की क्लिप है। अपने पति या पत्नी को नंगे पाँव ना रहने दें, ऐसा होने पर हानि हो सकती है।
* लाल किताब के अनुसार सातवें भाव में अगर शुक्र ग्रह से हानि हो रही हो तो सफ़ेद गाय नहीं पालनी चाहिए। काली या लाल गाय की सेवा करना या पालना शुभ माना जाता है।
* आठवें भाव में शुक्र ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए दान स्वीकार करने से बचने की सलाह दी जाती है। तांबे का सिक्का या नीले फूल को लगातार दस दिन तक नाले में फेंकना शुभ माना जाता है।
* नौवें भाव में शुक्र ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए या दुष्प्रभावों से बचने के लिए भवन निर्माण के समय शहद और चाँदी दफनाना शुभ बताया गया है।
* दसवें भाव में शुक्र ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए घर में पश्चिम दिशा की तरफ मिट्टी की दीवार का होना शुभ होता है।
* अगर लाल किताब कुंडली में शुक्र के 11वें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो, बुध के उपाय भी अपना सकते हैं।
* लाल किताब ज्योतिषी और जानकार बारहवें भाव में बैठे शुक्र ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सूर्यास्त के समय नीले रंग के फूल को जमीन में दबा देना शुभ माना जाता है।
Comments
Post a Comment