ज्योतिष ज्ञानJyotish Gyan
विज्ञान के इस युग में भी ज्योतिष (Jyotish) की अपनी अलग पहचान कायम है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) को विश्व के कुछ बेहद प्राचीन और विस्तृत ज्योतिष शास्त्रों में से एक माना जाता है। ज्योतिष विद्या ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखने वाली मानी जाती है। भारतीय ज्योतिषशास्त्र का वर्णन प्राचीन वेदों और पुराणों में भी मिलता है।
नारदपुराण में ज्योतिष की कई शाखाओं का वर्णन है। नारदपुराण के अलावा पद्मपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण आदि में भी ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं का वर्णन है।
नीचे दिए गए बॉक्स द्वारा आप ज्योतिष (Jyotish in Hindi) से जुड़ी विभिन्न जानकारियां पा सकते हैं।
किसी मनुष्य के जीवन में आने वाल समय कैसा होगा यह बताने के लिए ज्योतिष शास्त्र में राशिफल का वर्णन किया गया है।
हाथ की रेखाओं को पढ़ कर भविष्य बताने की विद्या हस्तशास्त्र कहलाती है। हाथ की इन रेखाओं को पढ़कर हम अपने भविष्य के काफी राज जान सकते हैं।
जन्म स्थान, जन्म तिथि तथा जन्म समय के हिसाब से ग्रहों की चाल आदि का आंकलन कर तैयार की गई पत्रिका को कुंडली कहते है। यह कुंडली हमारे जीवन का सार कही जा सकती है।
अंकों द्वारा मनुष्य का भविष्यफल बताने के ज्ञान को अंकशास्त्र कहा जाता है। भाग्यांक, मूलांक और नामांक द्वारा आप भी जानिए अपना भविष्य।
विज्ञान के इस युग में भी ज्योतिष (Jyotish) की अपनी अलग पहचान कायम है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) को विश्व के कुछ बेहद प्राचीन और विस्तृत ज्योतिष शास्त्रों में से एक माना जाता है। ज्योतिष विद्या ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखने वाली मानी जाती है। भारतीय ज्योतिषशास्त्र का वर्णन प्राचीन वेदों और पुराणों में भी मिलता है।
नारदपुराण में ज्योतिष की कई शाखाओं का वर्णन है। नारदपुराण के अलावा पद्मपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण आदि में भी ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं का वर्णन है।
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