लाल किताब के अनुसार राहु को एक पाप ग्रह माना जाता है। राहु, केतु और शनि को कुंडली में बुरे प्रभावों का जनक ही माना जाता है। हालांकि यह केवल एक मिथ्या ही है क्योंकि इंसान की कुंडली उसके कर्मों द्वारा निर्धारित होती है।
राहु ग्रह का प्रभाव (Effect of Rahu in Lal kitab Kundali)
लाल किताब के अनुसार अगर कुंडली (Lal Kitab Kundali in Hindi) में राहु अशुभ फल दे रहा हो तो यह संतान प्राप्ति और धन प्राप्ति में बाधा पहुंचाता है। साथ ही यह धन हानि के योग भी बनाता है।
राहु के कुछ उपाय या टोटके (Lal Kitab Remedies or Totke for Rahu in Hindi)
लाल किताब कुंडली में अगर राहु नीच स्थान पर है और यदि राहु ग्रह के कारण आपके जीवन में कुछ उथल-पुथल हो रही है तो आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
* लाल किताब कुंडली में अगर राहु प्रथम भाव में हो और उचित फल देने वाला ना हो तो जातक को 400 ग्राम सूरमा, नारियल, सत्तू व दूध के मिश्रण को बहते जल में प्रवाह करना चाहिए। साथ ही माना जाता है कि गले में चाँदी धारण करने से भी पीड़ा कम होती है।
* लाल किताब के अनुसार दूसरे भाव में राहु ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए जेब में चाँदी, ससुराल से कोई भी विद्युत उपकरण ना लेना तथा माता से सहज बर्ताव उचित माना गया है।
* ज्योतिषीयों के अनुसार अगर तीसरे भाव में राहु ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए घर में जानवर की चमड़ी का कोई भी समान नहीं रखना चाहिए।
* यदि चौथे भाव में बैठे राहु के कारण जातक को परेशानी होवे तो चाँदी के आभूषण धारण करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसी स्थिति में 400 धनिया या बादाम बहते जल में प्रवाह करने से दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है।
* पांचवें भाव में राहु की पीड़ा शांत करने के लिए हाथी की मूर्ति (चाँदी) पास रखना तथा मास-मदिरा का त्याग करना जातकों के हित के लिए शुभ माना गया है।
* छठे भाव में राहु ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक को काला कुत्ता रखना तथा भाई-बहन के साथ किसी विवाद में न फसने की सलाह दी जाती है।
* लाल किताब के अनुसार सातवें भाव में अगर राहु ग्रह से हानि हो रही हो तो जातकों को 21 वर्ष से पहले विवाह ना करने की सलाह दी गई है।
* आठवें भाव में राहु ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय तकिये में सौंफ रखने भी राहु की पीड़ा शांत होती है।
* नौवें भाव में राहु ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को केसरिया तिलक लगाना चाहिए। साथ ही माना जाता है कि सोने के आभूषण धारण करने और कुत्ता पालने से भी राहत मिलती है।
* दसवें भाव में राहु ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को अपना सिर काले या नीले कपड़े या टोपी से ढकने की सलाह दी जाती है।
* अगर लाल किताब कुंडली में राहु 11वें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो जातक को लोह-धातु धारण करना तथा कोई विद्युत उपकरण उपहार के रूप में न लेना उचित होता है।
* लाल किताब ज्योतिषी मानते हैं कि बारहवें भाव में बैठे राहु ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सोने से पहले तकिये में सौंफ और खाण्ड रखना चाहिए।
राहु ग्रह का प्रभाव (Effect of Rahu in Lal kitab Kundali)
लाल किताब के अनुसार अगर कुंडली (Lal Kitab Kundali in Hindi) में राहु अशुभ फल दे रहा हो तो यह संतान प्राप्ति और धन प्राप्ति में बाधा पहुंचाता है। साथ ही यह धन हानि के योग भी बनाता है।
राहु के कुछ उपाय या टोटके (Lal Kitab Remedies or Totke for Rahu in Hindi)
लाल किताब कुंडली में अगर राहु नीच स्थान पर है और यदि राहु ग्रह के कारण आपके जीवन में कुछ उथल-पुथल हो रही है तो आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
* लाल किताब कुंडली में अगर राहु प्रथम भाव में हो और उचित फल देने वाला ना हो तो जातक को 400 ग्राम सूरमा, नारियल, सत्तू व दूध के मिश्रण को बहते जल में प्रवाह करना चाहिए। साथ ही माना जाता है कि गले में चाँदी धारण करने से भी पीड़ा कम होती है।
* लाल किताब के अनुसार दूसरे भाव में राहु ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए जेब में चाँदी, ससुराल से कोई भी विद्युत उपकरण ना लेना तथा माता से सहज बर्ताव उचित माना गया है।
* ज्योतिषीयों के अनुसार अगर तीसरे भाव में राहु ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए घर में जानवर की चमड़ी का कोई भी समान नहीं रखना चाहिए।
* यदि चौथे भाव में बैठे राहु के कारण जातक को परेशानी होवे तो चाँदी के आभूषण धारण करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसी स्थिति में 400 धनिया या बादाम बहते जल में प्रवाह करने से दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है।
* पांचवें भाव में राहु की पीड़ा शांत करने के लिए हाथी की मूर्ति (चाँदी) पास रखना तथा मास-मदिरा का त्याग करना जातकों के हित के लिए शुभ माना गया है।
* छठे भाव में राहु ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक को काला कुत्ता रखना तथा भाई-बहन के साथ किसी विवाद में न फसने की सलाह दी जाती है।
* लाल किताब के अनुसार सातवें भाव में अगर राहु ग्रह से हानि हो रही हो तो जातकों को 21 वर्ष से पहले विवाह ना करने की सलाह दी गई है।
* आठवें भाव में राहु ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय तकिये में सौंफ रखने भी राहु की पीड़ा शांत होती है।
* नौवें भाव में राहु ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को केसरिया तिलक लगाना चाहिए। साथ ही माना जाता है कि सोने के आभूषण धारण करने और कुत्ता पालने से भी राहत मिलती है।
* दसवें भाव में राहु ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को अपना सिर काले या नीले कपड़े या टोपी से ढकने की सलाह दी जाती है।
* अगर लाल किताब कुंडली में राहु 11वें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो जातक को लोह-धातु धारण करना तथा कोई विद्युत उपकरण उपहार के रूप में न लेना उचित होता है।
* लाल किताब ज्योतिषी मानते हैं कि बारहवें भाव में बैठे राहु ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सोने से पहले तकिये में सौंफ और खाण्ड रखना चाहिए।
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ReplyDeleteTop 10 Numerologist in India
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